Ad

Masik Kisan Panchayat

मेरी खेती फरवरी किसान पंचायत: साझा समर्थन और विकास की दिशा

मेरी खेती फरवरी किसान पंचायत: साझा समर्थन और विकास की दिशा

मेरी खेती की टीम ने फरवरी माह में एक सामूहिक किसान पंचायत का आयोजन किया। इस पंचायत का उद्देश्य किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाना, उनकी समस्याओं का समाधान करना और सामूहिक विकास की दिशा में कदम बढ़ाना था।

इस पंचायत का आयोजन मथुरा जिले के सोंख गांव में किया गया। इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को कृषि की नई नई तकनीकों के बारे में जानकारी दे सकेऔर एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव और ज्ञान को साझा कर सकें।

वैज्ञानिकों द्वारा प्रमुख विषयों पर चर्चा की गयी

इस किसान पंचायत में पूसा संस्थान के जाने माने वैज्ञानिक डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI, डॉ जे, पी, एस डबास वरिष्ठ वैज्ञानिक IARI और चौधरी विजय रावत कृषि विशेषज्ञ ने कई विषयो पर किसानों को निम्नलिखित विषयों पर जानकारी दी - 

ये भी पढ़ें: मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

मौसम और प्राकृतिक आपदाएं: वैज्ञानिकों ने किसानों द्वारा मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए कैसे तैयारी की जा सकती है, इस पर चर्चा की।

उचित मूल्य निर्धारण: किसानों ने अपनी उपज को बेहतर मूल्य में बेचने के लिए कौन-कौन सी रणनीतियों का अनुसरण करना चाहिए, इस पर गहन चर्चा की गई।

नई तकनीकों का सही तरीके से उपयोग: किसानों द्वारा तकनीकों के प्रभावी उपयोग के लिए कौन-कौन सी पहल करनी चाहिए, इस पर भी चर्चा की। 

इस पंचयात में किसानों ने अपनी समस्याओं को साझा करने का मौका पाया। मुख्यतः, मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं, उचित मूल्य निर्धारण की कमी, और नई तकनीकों के प्रभावी उपयोग की चुनौतियों पर चर्चा हुई। इन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए समृद्धि से भरी पंचयात आयोजित की गई। फरवरी की किसान पंचयात ने हमें एक सशक्त और समृद्धि युक्त गाँव की दिशा में कार्य करने का मौका प्रदान किया।  

किसान दिवस के आयोजन के दौरान merikheti.com ने की मासिक किसान पंचायत

किसान दिवस के आयोजन के दौरान merikheti.com ने की मासिक किसान पंचायत

किसान भाइयों आपको यह बताते हुए बहुत ही हर्ष महसूस हो रहा है, कि 23 दिसंबर को किसान मसीहा के रूप में पहचाने जाने वाले चौधरी चरण सिंह जी के जन्म दिवस पर merikheti.com द्वारा मुरादग्राम, पुर पुर्सी, मुरादनगर ग़ाज़ियाबाद में किसान गोष्टी एवं मासिक किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों व काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया। मासिक किसान पंचायत का मुख्य उद्देश्य किसानों को सजग बनाना एवं उनके हित में चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी उन तक समयानुसार पहुँचाना। किसानों की समस्याओं को सुनने के बाद उनका सही व सटीक समाधान प्रदान करना वैज्ञानिकों का मुख्य उद्देश्य होता है। merikheti.com द्वारा आयोजित मासिक किसान पंचायत के दौरान डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI, पूसा दिल्ली व डॉ विपिन कुमार असोसिएट डायरेक्टर / प्रोफेसर (एग्रोनोमी) विशेषज्ञ आर्गेनिक फार्मिंग कृषि विज्ञान केंद्र गौतम बुद्ध नगर , डॉ लक्ष्मी कांत सारस्वत वैज्ञानिक (प्लांट एंड ब्रीडिंग) विशेषज्ञ सीड प्रोडक्शन ऑफ वेजिटेबल कृषि विज्ञान केंद्र हापुड़ merikheti.com के कंटेंट हैड दिलीप कुमार एवं AdbirdMedia Pvt. Ltd. के Co-founder एवं बिज़नेस हैड श्री कृष्ण पाठक जी व merikheti.com की टीम मौजूद रही है। डॉ सी.बी. सिंह जी का कहना है, कि किसान केवल उत्पादन करने और उसको मंडी में बेचने तक ही सीमित न रहें उनको एक किसान से किसान व्यापारी बनने की नई दिशा की और कदम बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है। क्योंकि किसानों की हालत दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही है, जबकि व्यवसाय एवं व्यापार करने वाले दिनोंदिन अमीर होते जा रहे हैं, वहीं किसान भुखमरी व गरीबी जैसी समस्याओं से घिरे हुए हैं। इसकी मुख्य वजह किसानों में जागरुकता का अभाव और आधुनिक कृषि की सही जानकारी नहीं होना है। किसान कृषि विशेषज्ञों व कृषि वैज्ञानिकों की सहायता से आधुनिक एवं प्रगतिशील जानकारी लेकर स्वयं व्यापारी की भाँति अपनी फसल का व पैदावार का समुचित प्रबंधन व प्रयोग करें।


ये भी पढ़ें:
भूमि की तैयारी के लिए आधुनिक कृषि यंत्र पावर हैरो(Power Harrow)
डॉ विपिन कुमार जी ने बताया है, कि जैविक खेती के माध्यम से किसान कम लागत में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं। परंतु उनको किसी अच्छे कृषि विशेषज्ञ या कृषि वैज्ञानिक की सलाह के अनुसार ही जैविक खाद बनाना चाहिए। क्योंकि किसान जानकारी के आभाव के कारण जैविक खाद को समुचित रूप से प्रयोग नहीं कर पाते हैं। जैविक कृषि करने के लिए किसानों को जैवक खाद की आवश्यकता होती है। लेकिन किसान तापमान एवं मापदंडो को सही से न जानने की वजह से उसका ढंग से उपयोग नहीं कर पाते हैं। इसी वजह से किसानों को सही पैदावार एवं बेहतर परिणाम नहीं मिलते हैं। डॉ लक्ष्मी कांत सारस्वत जी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि, आजकल बढ़ती जनसँख्या की वजह से किसानों की भूमि विभाजित होती जा रही है इस वजह से अधिकांश किसान कम जमीन में ही खेती किसानी करके अपनी गुजर बसर करते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की स्थिति काफी दयनीय है इसकी एक वजह किसानों द्वारा परंपरागत तरीके से की जाने वाली खेती है। किसान आधुनिक कृषि तकनीकों एवं रचनात्मक सोच से कार्य नहीं करेंगे तब तक वह गरीबी एवं भुखमरी जैसी चुनौतियों का सामना करते रहेंगे। इसी संदर्भ में उन्होंने किसानों को बीज उत्पादन करके कैसे कम जमीन में अधिक उत्पादन कर सकते हैं इस बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। merikheti.com के कंटेंट एवं चैनल हेड दिलीप यादव जी ने कहा कि, किसान एकजुट होकर श्रेष्ठतम फसल उत्पादन करें एवं उसको विषमुक्त उत्पाद के नाम से बाजार में बेचें। क्योंकि अत्यधिक रासायनिक खाद एवं उर्वरकों के प्रयोग से फसल बेहद जहरीली होती जा रही हैं। यदि आपको अनुभव करना है, तो बाहरी बाजार के अनाज को खाकर देखें उसके बाद स्वयं बिना रासायनिक खाद एवं उर्वरक वाले अनाज को खाएं आपके पेट की गैस बता देगी कि कौन-सा अच्छा है और कौन-सा हानिकारक। यदि आप सब किसान एकजुट होकर विषमुक्त उत्पादन करेंगे तो निश्चित रूप से आपके उत्पाद को लोग जो आप चाहेंगे उस मूल्य पर खरीदेंगे आज देश में बीमारियों के बढ़ते प्रकोप की वजह से ऐसे उत्पादों की अत्यंत आवश्यकता है। AdbirdMedia Pvt. Ltd. के Co-founder एवं CEO श्री कृष्ण पाठक जी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वह किसान परिवार से होने की वजह से किसानों की समस्याओं एवं उनकी आवश्यकताओं के बारे में भली-भांति जानते हैं। इसलिए ही उन्होंने किसानों के हित में merikheti.com वेबसाइट को चालू किया था। वर्तमान में merikheti.com किसानों को सही एवं सटीक जानकारी देने का उत्तम माध्यम है। कृषि क्षेत्र में merikheti.com वेबसाइट अपनी अच्छी खासी पहचान रखती है, इसकी मुख्य वजह किसानों को दी जाने वाली उनके हित में जानकारी है। किसान दिवस के अवसर पर आयोजित मासिक किसान पंचायत में किसानों ने बढ़चढ़ कर बेबाकी के साथ अपनी समस्याएं अपने सवाल कृषि वैज्ञानिकों के समक्ष रखें। वैज्ञानिकों ने भी उनके सवालों को ना केवल अच्छी तरह सुना और समझा बल्कि उनके सवालों का जवाब समाधान के साथ दिया है। किसानों को आधुनिक एवं नवीनतम किस्मों की जानकारी भी दी गयी, साथ ही किसानों ने कम लागत में अधिक पैदावार करने की विधियों के बारे में भी जाना है।
Merikheti.com ने की जनवरी की मासिक किसान पंचायत

Merikheti.com ने की जनवरी की मासिक किसान पंचायत

Merikheti.com के द्वारा 7 जनवरी 2023 दिन शनिवार को सोनीपत (हरियाणा) के गाँव टिकोला में आयोजित की गयी। मासिक किसान पंचायत के दौरान किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों एवं तकनीकों के बारे में बताया गया था। Merikheti.com द्वारा प्रत्येक माह किसान मासिक पंचायत का आयोजन किया जाता है। जिससे कि किसानों को वर्तमान में कृषि क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में बताया जा सके साथ ही उनकी आय में बढ़ोत्तरी करके उनको अच्छे ढंग से अपना जीवन यापन करने के लिए सक्षम बनाया जा सके। हमारे समाज की रीढ़ के रूप में, खेती किसानी हर वर्ग को खाना दिलाकर पेट भरने वाला इकलौता व्यवसाय है । हालांकि, उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के बावजूद, किसानों को अक्सर ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो उनके कल्याण और आजीविका को प्रभावित कर सकती हैं। इन मुद्दों को हल करने और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नियमित बैठकें आयोजित करना महत्वपूर्ण है ,जहां वे अपनी समस्याओ पर चर्चा करने और उनका समाधान खोजने के लिए एक साथ आ सकें। किसानों के हित में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान देश के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक मौजूद रहते हैं। किसान बेझिझक अपने सवाल पूछते हैं, जिनका उत्तर कार्यक्रम में उपस्थित कृषि विशेषज्ञ और कृषि वैज्ञानिक विस्तृत रूप में देते हैं। किसान मासिक पंचायत के दौरान डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI एवं डॉ हरीश कुमार कृषि वैज्ञानिक PUSA (ICAR) सहित अन्य बहुत से कृषि क्षेत्र से जुड़े दिग्गज वैज्ञानिक उपस्थित रहे। किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ने की सलाह दी गई। इस पंचायत में मैसी फर्ग्यूसन (Massey Ferguson) से आए विशेषज्ञों ने भी बढ़चढ़कर भागीदारी दर्ज की। मैसी के विशेषज्ञों ने किसानों की ट्रैक्टर से संबंधित जिज्ञासा के बारे में भी उनको बेहतर जानकारी प्रदान की। Merikheti.com का मुख्य उद्देश्य किसानों की बेहतरी है। इसलिए प्रत्येक माह किसान मासिक पंचायत का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन से किसानों को कृषि से संबंधित बहुत-सी महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं। उनको फसलों के उत्तम चयन व फसलों की देखभाल किस प्रकार करें आदि आवश्यक पहलुओं के बारे में बेहद गहनता से बताया जाता है। किसान इस मासिक पंचायत में बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी लेते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान प्रदान किया जाता है। मासिक किसान पंचायत के अंतर्गत वैज्ञानिकों से सवाल पूछने वाले किसानों को पुरुस्कृत किया जाता है।
ये भी देखें: JPS DABAS जी ने किसान दिवस पर किसानों को संबोधित किया
मेरीखेती की टीम विभिन्न राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में मासिक किसान पंचायत का आयोजन कराती है। किसान भी इन कार्यक्रमों में खूब दिलचस्पी दिखाते हैं। किसानों को बीज उत्पादन से लेकर व्यापारी बनाने तक की जानकारी कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रदान की जाती है। इस मासिक किसान पंचायत में वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञ किसानों को आधुनिक तकनीकों एवं कृषि प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। अगर किसी किसान को कृषि संबंधित किसी भी प्रकार की कोई समस्या होती है, तो कार्यक्रम में उपस्थित कृषि वैज्ञानिक किसान की समस्या का सर्वोत्तम समाधान प्रदान करते हैं। यदि आप भी खेती किसानी करते हैं, तो Merikheti.com पर कृषि संबंधित सही एवं सटीक जानकरी ले सकते हैं।
Merikheti.com ने राजस्थान में फरवरी की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया

Merikheti.com ने राजस्थान में फरवरी की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया

Merikheti.com के द्वारा मासिक किसान पंचायत 12 फरवरी 2023 दिन रविवार को गाँव सीथल, जिला अलवर (राजस्थान) की जय हिन्द नर्सरी में आयोजित की गयी। मासिक किसान पंचायत के दौरान किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों एवं तकनीकों के बारे में बताया गया था। Merikheti.com द्वारा प्रत्येक माह किसान मासिक पंचायत का आयोजन किया जाता है। जिससे कि किसानों को वर्तमान में कृषि क्षेत्र में हुए परिवर्तन के बारे में बताया जा सके साथ ही उनकी आय में बढ़ोत्तरी करके उनको अच्छे ढंग से अपना जीवन यापन करने के लिए सक्षम बनाया जा सके। किसानों के हित में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान  भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के  वैज्ञानिक  मौजूद रहते हैं। किसान बेझिझक अपने सवाल पूछते हैं, जिनका उत्तर कार्यक्रम में उपस्थित कृषि विशेषज्ञ  विस्तृत रूप में देते हैं। किसान मासिक पंचायत के दौरान डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI , डॉ विपिन शर्मा कृषि वैज्ञानिक (KvK) G. B नगर और डॉ हरीश कुमार कृषि वैज्ञानिक PUSA (ICAR) सहित अन्य बहुत से कृषि क्षेत्र से जुड़े दिग्गज वैज्ञानिक उपस्थित रहे।  इस मासिक किसान पंचायत में वैज्ञानिकों ने  गाँव सीथल (भिवाड़ी ) के किसानों  को खेती की ऊपज बढ़ाने के लिए कई नुस्खों और तकनीकों के बारे में बताया। सीथल गाँव शुष्क इलाकों में आता है यहां खेती वर्षा पर ही आधारित है यहां के किसानों को बताते हुए वैज्ञानिकों ने कहा की  आप जैविक खेती को अपना कर भी अच्छी पैदावर ले सकते है। वैज्ञानिकों ने किसनो को संजीवक, जीवामृत बनाने की विधि के बारे में बताया। ये दोनों घोल बनाने की विधि निम्नलिखित है। 

संजीवक घोल को बनाने की विधि इस प्रकार है

संजीवक का उपयोग सूक्ष्मजीवों और त्वरित अवशेषों के अपघटन के साथ मिट्टी को समृद्ध करने के लिए उपयोग किया जाता है।  सबसे पहले आपको 500 लीटर  के बंद ड्रम में 300 लीटर पानी में 100-200 किलो गाय का गोबर, 100 लीटर गोमूत्र और 500 ग्राम गुड मिलाना है। इसके बाद इस ड्रम को बंद करके 10 दिनों के लिए गलने के लिए रख दे। 10 दिनों बाद ये संजीवक घोल बनकर तैयार हो जाता है। इसका प्रयोग 20 गुना पानी में घोलकर एक एकड़ में या तो मिट्टी के स्प्रे के रूप में या सिंचाई के पानी के साथ छिड़काव करें।संजीवक घोल का छिड़काव सिंचाई के पानी के माध्यम से उपयोग किया जाता है।  ये भी देखें: Merikheti.com ने की जनवरी की मासिक किसान पंचायत तीन बार इस  घोल का छिड़काव करने से फसल की ऊपज में बढ़ोतरी होती है, एक बुवाई से पहले, दूसरा बुवाई के बीस दिन बाद और तीसरा बुवाई के 45 दिन बाद।

जीवामृत बनाने की विधि

एक बैरल/ड्रम में 100 लीटर पानी लें और 10 किलो गाय का गोबर और 10 लीटर गोमूत्र में मिलाएं। इसके बाद  दो किलो गुड़ और दो किलो चना या कोई भी दाल का आटा इस घोल में  लकड़ी की डंडी से अच्छी तरह मिला लें। इस घोल को 5 से 7 दिन के लिए गलने के लिए रख दें। घोल को नियमित रूप से दिन में तीन बार हिलाएं। जीवामृत का छिड़काव करके या सिंचाई के पानी के माध्यम से मिट्टी में मिला कर इसका उपयोग किया जाता है। तीन बार इस घोल को उपयोग करने की  जरूरत है एक बुवाई से पहले, दूसरा बुवाई के बीस दिन बाद और तीसरा बुवाई के 45 दिन बाद। इस प्रकार यदि किसान इस घोल को प्रयोग करते है तो फसल की ऊपज में इजाफा होता है।  Merikheti.com का मुख्य उद्देश्य किसानों की बेहतरी है। इसलिए प्रत्येक माह किसान मासिक पंचायत का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन से किसानों को कृषि से संबंधित बहुत-सी महत्त्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं। उनको फसलों के उत्तम चयन व फसलों की देखभाल किस प्रकार करें आदि आवश्यक पहलुओं के बारे में बेहद गहनता से बताया जाता है। किसान इस मासिक पंचायत में बढ़चढ़ कर हिस्सेदारी लेते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान प्रदान किया जाता है। मासिक किसान पंचायत के अंतर्गत वैज्ञानिकों से सवाल पूछने वाले किसानों को पुरुस्कृत किया जाता है।
मेरीखेती ने मई माह की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया

मेरीखेती ने मई माह की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया

आज के दौर में जैविक फूड पार्क कृषि-बागवानी, मनुष्य पोषण, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की सजीवता के लिए वरदान-क्यों और कैसे है? इस विषय पर मेरीखेती ने 4 जून 2023 दिन रविवार को मासिक संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया। आयोजन के दौरान वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे। वैज्ञानिकों ने आधुनिक तकनीकों, नवीन किस्मों एवं कृषि क्षेत्र में हुए नवाचारों के सन्दर्भ में अपने विचार व्यक्त किए। बतादें, कि समस्त जागरूक कृषकों एवं उपभोक्ताओं के लिए एक संगोष्ठी सत्र का आयोजन मेरीखेती द्वारा किया गया। जो कि किसान भाइयों के हित में विगत 7 वर्षों से कृषि एवं किसानों के लिए कार्य कर रही है। मेरीखेती द्वारा आयोजित की गई इस मासिक किसान पंचायत में कृषि क्षेत्र के दिग्गज कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे। श्री अशोक चौरसिया गांव पल्ला में जैविक फ़ूड पार्क के संस्थापक, जो फ़ूड पार्क की स्थापना पर प्रकाश डाल परिचयकर्ता के तौर पर रहे। उन्होंने जैविक फ़ूड पार्क के विषय में अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला। डा. सुरेन्द्र कुमार चौहान मुख्य तकनीकी अधिकारी (सेवा निवृत्त), बागवानी प्रभाग,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, मुख्यालय कृषि भवन, नई दिल्ली अन्तर्गत कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार। इन्होंने जैविक फूड पार्क की स्थापना भारत के समस्त कृषकों एवं शहरी नागरिकों के पोषण सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं शुद्ध पर्यावरण के लिए इसकी महत्ता के सन्दर्भ में बताया। साथ ही, कृषि क्षेत्र में नवीन अवसर और चुनौतियों के विषय पर हर संभव जानकारी प्रदान की। साथ ही, संगोष्ठी परिचर्चा को आगे बढ़ाएंगे। यह भी पढ़ें : JPS DABAS जी ने किसान दिवस पर किसानों को संबोधित किया डा. चन्द्रभान सिंह प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा,नई दिल्ली ने भी उपरोक्त विषय के साथ-साथ नवीन किस्मों एवं जैविक विधि से खेती करने को लेकर काफी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। डा. चंद्रभान सिंह जी ने अपने जीवन में कृषि क्षेत्र के लिए काफी योगदान दिया है। किसानों को नवाचार और नवीन तकनीकों से खेती किसानी करने के लिए हमेशा प्रेरित किया है। डा. चंद्रभान सिंह कृषि क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं। मेरीखेती की इस मासिक पंचायत में जैविक ढ़ंग से कृषि करने को लेकर काफी अहम विषयों पर चर्चा की। डा. एस. के. यादव, आज के दौर में जैविक फूड पार्क कृषि-बागवानी, मनुष्य पोषण, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद अहम भूमिका अदा कर रहा है। आजकल हर तरह के उत्पादों में मिलावट आनी शुरू हो गई है। किसान अधिक पैदावार लेने के लिए खेतों में अत्यधिक मात्रा में रसायनिक खाद एवं उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं। जिसके फलस्वरूप खाद्य फसलें काफी नुकसान दायक साबित होती जा रही हैं। जैविक फूड पार्क किसानों को जैविक खेती करने के लिए काफी प्रोत्साहित करता है। इसी कड़ी में मेरीखेती के फाउंडर श्रीमान कृष्ण पाठक जी ने मेरीखेती द्वारा मई माह की मासिक पंचायत में उपस्थित समस्त कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि विशेषज्ञों सहित किसानों को संबोधित करते हुए आभार व्यक्त किया। पाठक जी ने कहा, कि मेरीखेती किसानों के लिए निस्वार्थ रूप से धरातल पर कार्य करती आई है। मेरीखेती किसानों के हित में बीते कई वर्षों से लगातार नि:शुल्क तौर पर कार्य करती आ रही है। उन्होंने कहा कि मेरीखेती की इस मासिक किसान पंचायत के आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी का हृदय से धन्यवाद देता हूँ। साथ ही, मेरीखेती किसानों के लिए इसी प्रकार कार्य करती रहेगी।
मेरीखेती ने जून माह की मासिक किसान पंचायत का किया आयोजन

मेरीखेती ने जून माह की मासिक किसान पंचायत का किया आयोजन

मेरीखेती द्वारा किसानों के हित में बम्बावड़ गांव जिला गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश में जून माह की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया। किसान पंचायत के आयोजन के दौरान कृषि क्षेत्र के जाने माने कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे। किसानों ने अपनी समस्याएं वैज्ञानिकों के समक्ष रखी, जिनका संतोषजनक समाधान कृषि वैज्ञानिकों में अपने अनुभव व समझ के मुताबिक किसानों को प्रदान किया गया। बतादें कि आजकल कृषि क्षेत्र में राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक जैविक खेती को बढ़ावा देने की हर संभव कोशिश कर रही है। किसानों के लिए सबसे अच्छी बात यह है, कि मेरीखेती द्वारा आयोजित की जाने वाली मासिक किसान पंचायत में उनको उनकी समस्या से संबंधित सही व सटीक जानकारी व समाधान प्रदान किया जाता है। मासिक किसान पंचायत में डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI ने जैविक खेती के महत्व एवं आवश्यकता की खूब चर्चा की है। मासिक किसान पंचायत में किसानों को संबोधित करते हुए डॉ सीवी सिंह ने कहा है, कि आजकल किसान अत्यधिक उत्पादन अर्जित करने के चक्कर के फसल की गुणवत्ता के विषय में नहीं सोच रहे हैं। जो कि आज और आने वाले समय में एक बड़ी समस्या को निमंत्रण देने वाला है। क्योंकि ज्यादा पैदावार लेने के लिए जरूरत से ज्यादा रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने पर फसल काफी हद तक जहरीली हो जाती है। उसी फसल को आम जनमानस जब खाएगा तो फसल के माध्यम से उसके अंदर भी नुकसानदायक रसायनों का प्रभाव पड़ेगा। यह भी पढ़ें: मेरीखेती ने मई माह की मासिक किसान पंचायत का आयोजन किया मेरीखेती द्वारा आयोजित मासिक किसान पंचायत में स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड इंजीनियरिंग IFTM यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के सहायक प्राध्यापक डॉ शुभम गुप्ता जी ने किसानों को जैविक खेती करने की विधि एवं इसके फायदों के बारे में बताया। डॉ शुभम गुप्ता ने कहा है, कि खेती-किसानी के क्षेत्र में किसानों को काफी सूझ बूझ और कृषि विशेषज्ञों की सलाहनुसार फसल चयन करने की बात कही है। उन्होंने रसायनिक खेती की जगह जैविक खेती करने के लिए किसानों को कहा। उनका कहना है, कि आने वाले समय में रासायनिक खेती से तैयार होने वाली फसल का सेवन करना किसी बड़े खतरे से कम नहीं होगा। आज के समय में ही अधिकांश लोग किसी न किसी रोग से ग्रसित होते नजर आ रहे हैं। जिसकी एक मुख्य वजह खान पान भी है। किसान यदि जैविक खेती बिना रासायनिक उर्वरकों के केवल जैविक खाद विधि से करेंगे तो उनको उत्तम गुणवत्ता वाली पैदावार मिलेगी। जैविक विधि से खेती करने पर लोगों को उत्तम खाद्य पदार्थ प्राप्त होगा। मेरीखेती द्वारा आयोजित मासिक किसान पंचायत में स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड इंजीनियरिंग IFTM यूनिवर्सिटी मुरादाबाद के सहायक प्राध्यापक डॉ कुलदीप भार्गव भी मौजूद रहे। डॉ कुलदीप भार्गव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा है, कि जैविक खेती से किसान कम लागत में अच्छा-खासा मुनाफा उठा सकते हैं। आज के समय में सभी लोग एक अच्छा खाद्य पदार्थ खाने के लिए कितना भी खर्च कर सकते हैं। यदि आपकी फसल बिना रासायनिक उर्वरकों के तैयार की गई है, तो लोग अपनी सेहत को अच्छा रखने के लिए आपके द्वारा उगाई गई जैविक फसल को अच्छे-खासे भावों पर खरीदेंगे।
मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का भव्य आयोजन किया

 मेरीखेतीडॉटकॉम द्वारा आयोजित मासिक किसान पंचायत का आयोजन प्रति माह देश के विभिन्न स्थानों पर किया जाता है। मेरीखेती किसानों की कृषि वैज्ञानिकों तक पहुँच बनाने के लिए प्रति माह किसान पंचायत का आयोजन करती है। मेरीखेती ने दिसंबर माह की किसान पंचायत का आयोजन ग्राम दुल्हेरा चौहान जिला मेरठ में किया था। इस पंचायत में बड़े-बड़े अनुभवी कृषि वैज्ञानिक जैसे सी.बी सिंह रिटायर्ड ICAR पूसा, TMU डायरेक्टर-केहर सिंह और सुधीर चौधरी सहायक अधिकारी सोलन कृषि विभाग उत्तराखंड ने किसानों को खेती करने के अद्भुद तकनीकों के बारे में बताया। साथ ही, किसानों की स्थानीय भौगोलिक समस्याओं को सुना एवं उनका संभव समाधान भी बताया। 

ये भी पढ़ें:
मेरीखेती किसान पंचायत: ग्राम पंचायत हसनपुर (मथुरा) में पूसा के कृषि वैज्ञानिक और किसानों की हुई पंचायत: केहर सिंह रिटायर्ड MTU डायरेक्टर का कहना है, कि किसानों को आजकल खेती में कम उर्वरक इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। उर्वरकों का कम इस्तेमाल करने से खेती की उर्वरक क्षमता पर बेहतर असर पड़ता है। किसानों को संबोधित करते हुए केहर सिंह ने कहा कि किसानों को संगठित होकर लड़ने की बेहद आवश्यकता है। अगर किसान इकट्ठे होकर कृषि उत्पादन करेंगे तो उनको खाद, बीज और बिक्री मूल्य सब एकदम शानदार मिल सकेगा।    डॉ सी,बी सिंह रिटायर्ड ICAR पूसा ने किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बदलते जमाने में कृषि की नवीन पद्धतियों एवं तकनीकों के ऊपर बल देने को कहा। डॉ सी.बी सिंह का कहना है, कि अगर किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करें तो ये उनके लिए बेहद लाभकारी साबित होगा। खेती-किसानी से जुड़े समस्त कार्यों को कृषि वैज्ञानिक बेहद ही ज्यादा तथ्यात्मकता के साथ करते हैं। इसलिए किसानों को अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र पर जाकर उनसे सलाह लेकर कृषि करनी उचित रहेगी।  
मेरीखेती ने मार्च महीने की मासिक किसान पंचायत का किया आयोजन

मेरीखेती ने मार्च महीने की मासिक किसान पंचायत का किया आयोजन

मेरीखेती हर महीने किसानों के बीच जाकर उनकी उन्नति और प्रगति के उद्देश्य से कृषि वैज्ञानिक और किसानों के लिए एक मंच प्रदान करता है। दरअसल, मेरीखेती देशभर में भिन्न-भिन्न कृषि क्षेत्रों में जाकर किसान पंचायत का आयोजन करती है। 

मेरीखेती की मार्च महीने की किसान पंचायत का आयोजन संजीव कुमार की अध्यक्षता में ग्राम रूपवास जनपद गौतम बुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) में किया गया।

इस किसान पंचायत का मुख्य बिंदु या विषय किसान उत्पादक संगठन यानी FPO से जुड़कर इसके तहत योजनाओं का लाभ उठाना रहा। किसान पंचायत में बड़े-बड़े अनुभवी कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान बड़ी संख्या में मौजूद रहे। 

मेरीखेती किसान पंचायत के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI ने किसानों को किसान उत्पादक संगठन यानी FPO से जुड़ने के महत्व और आवश्यकता के बारे में किसानों को अवगत कराया। 

उन्होंने कहा कि किसानों को संगठित रहने की अत्यंत आवश्यकता है। क्योंकि, किसान उत्पादक संगठन यानी FPO किसानों का एक संगठन है। इसके जरिए किसान हित में केंद्र एवं राज्य सरकार की कई योजनाओं का लाभ आसानी से मिल जाता है।

ये भी पढ़ें: मेरी खेती फरवरी किसान पंचायत: साझा समर्थन और विकास की दिशा

डॉ सी.बी. सिंह ने कहा कि किसानों को स्थाई कृषि या टिकाऊ खेती या संधारणीय कृषि करने साथ ही किसानों को अपना बीज घर पर ही बनाने और उसी का अपनी खेती के लिए उपयोग करने की सलाह दी। 

डॉ सीबी सिंह ने पानी की अंधाधुंध खपत पर चिंता जाहिर करते हुए किसानों को टपक सिंचाई यानी स्प्रिंकलर तकनीक को अपनाकर कम पानी की खपत में अधिक उपज उठाने का सन्देश दिया।

डॉ सी.बी. सिंह ने किसानों को परंपरागत खेती की बजाय फूलों की खेती के लिए प्रेरित किया। किसानों को उघमिता की तरफ अग्रसर होने के लिए सलाह और मार्गदर्शन भी किया। 

शहरी क्षेत्रों की जरूरत के अनुसार बिना रासायनिक खादों वाले उत्पाद तैयार करने और उन्हें बेचने के बारे में अहम जानकारी प्रदान की।